गौशाला की प्रस्तावित भूमि पर बन रहे कचरा प्लांट का गांव वालों ने किया विरोध

 

जोधपुर के पीपाड़ सिटी पंचायत समिति के ग्राम पंचायत रिया में राजीव गांधी सेवा केंद्र के पीछे बना रहे कचरा डंपिंग प्लांट का स्थानीय गांव वालों ने विरोध किया एवं उप जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। साथ ही कचरा प्लांट को गांव के बाहरी क्षेत्र में बनाने के लिए मांग की। ज्ञापन में बताया गया कि ग्राम पंचायत रिया की खातेदारी भूमि खसरा संख्या 1474 से 1480 तक कामधेनु गौशाला समिति को बहुत पहले ही गौशाला संचालन के लिए एनओसी दे रखी है। यह अनापत्ति प्रमाण पत्र जिसको ग्राम पंचायत की गत बैठक 20 जून 2015 राज्य सरकार के आदेश की पालना करते हुए जारी किया गया था। उसके पश्चात 2016 में तत्कालीन सरपंच ने गलत तरीके से उक्त खसरा में से 10 बीघा जमीन पंचायत समिति पीपाड़ शहर को आवंटित कर दी थी, जिसके विरोध मे जोधपुर न्यायालय में वाद चल रहा है एवं उस जमीन पर स्टे आर्डर आया हुआ है। उक्त भूमि में पिछले 20 वर्षों से अस्थाई तौर पर गौशाला का संचालन हो रहा था। लेकिन बाद गौशाला समिति को बिना बताए वहां से गौशाला को खुर्द बुर्द कर दिया गया एवं वहां लगा लोहे का 15 से 16 फीट का गेट एवं उनके पिलर चोरी चुपके वहां से ले गए एवं गायब कर दिए गए। उक्त जमीन कहीं दशकों पहले ग्राम पंचायत को किसी ने दान में दी थी। यह जमीन ग्राम पंचायत की खुद की जमीन नहीं है ग्राम पंचायत ने जमीन को दान मे प्राप्त करने के बाद इसको लीज पर देना प्रारंभ किया था और गांव के अंदर हर वर्ष बोली लगती थी एवं जिन की बोली अधिक होती, उनको यह जमीन बटाई के लिए दी जाती थी।

कामधेनु गौशाला समिति बीच में कहां से आ गई

दिनांक 15 अगस्त 2011 को ग्राम पंचायत रिया में एक साधारण सभा की बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में गांव के कई लोगों ने भाग लिया। इस बैठक का आयोजन जागृति संस्थान द्वारा किया गया, जिसमें यह प्रस्ताव रखा गया कि ग्राम पंचायत रिया में गौशाला नहीं है इसलिए एक गौशाला समिति बनाई जाए एवं गौशाला चलाई जाए। उसके लिए आम सहमति से एक कार्यकारिणी का गठन किया गया एवं कामधेनु गौशाला समिति के नाम से गौशाला समिति का निर्माण किया गया। गांव के सभी वर्गों से उसमें सदस्य लिए गए एवं 21 सदस्यों की कमेटी एवं जिसमें से 7 सदस्यों की कार्यकारिणी का गठन किया गया। रजिस्ट्रेशन के लिए संस्थाएं रजिस्टर जोधपुर को निर्धारित फॉर्मेट में गौशाला समिति को रजिस्टर्ड करने के लिए आवेदन किया गया। संस्था रजिस्टर द्वारा निर्धारित प्रपत्र की जांच की एवं गौशाला समिति को 19 जनवरी 2012 को रजिस्ट्रेशन कर रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र जारी किया गया। उक्त गौशाला रजिस्टर्ड होने के बाद में गौशाला समिति द्वारा ग्राम पंचायत रिया को एक प्रार्थना पत्र दिया गया जिसमें उन्होंने गौशाला के लिए जमीन की मांग की।

 

ग्राम पंचायत बैठक दिनांक 20 जून 2012 को वर्तमान सरपंच श्रीमती सुखी देवी ने प्रस्ताव रखा कि कामधेनु गौशाला एक रजिस्टर गौशाला समिति है उसके लिए गौशाला संचालन हेतु भूमि की आवश्यकता है जिसमें संस्था ने 15 बीघा जमीन की मांग की है। ग्राम पंचायत के पास आबादी क्षेत्र में कोई भी जमीन खाली नहीं है अतः ग्राम के आबादी क्षेत्र के पास स्थित गोचर भूमि खसरा नंबर 1019 में से 15 बीघा भूमि कामधेनु गौशाला के नाम आवंटित किए जाने का प्रस्ताव श्रीमान कलेक्टर महोदय को भिजवाने के लिए पारित किया गया।

ग्राम पंचायत ने गोचर भूमि बदले में वापस जमीन देने के लिए सहमत है। प्रस्ताव की कॉपी जिला कलेक्टर महोदय दी गई। जिला कलेक्टर महोदय ने तहसीलदार बिलाड़ा को 12-10- 2012 को आदेश दिया कि प्रस्तुत पत्रावली इसमें वर्णित बिंदुओं की तथ्यात्मक रिपोर्ट बिंदुवार 10 दिन के अंदर प्रस्तुत करें। तहसीलदार बिलाड़ा ने कार्रवाई करते हुए रिपोर्ट वापस जिला कलेक्टर को भेजी गई एवं उसमें गोचर भूमि होना बताया गया।

गोचर भूमि में किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य एवं आवंटित नहीं किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट का आदेश का हवाला देते हुए तहसीलदार महोदय ने रिपोर्ट प्रस्तुत की। श्रीमान कलेक्टर महोदय ग्राम पंचायत रिया को सूचित करते हुए कहा कि उक्त भूमि गोचर होने के कारण इसमें किसी भी प्रकार का आवंटन एवं निर्माण कार्य नहीं किया जा सकता है। अतः अन्य भूमि का प्रस्ताव लेकर दिया जाए। ग्राम पंचायत की बैठक दिनांक 5-9-2014 को सरपंच महोदय ने उपस्थित सदन को बताया की श्रीमान कलेक्टर महोदय ने की सूचना के अनुसार पहले प्रस्तावित भूमि को गौशाला को आवंटित नहीं किया जा सकता। अतः दूसरी भूमि दी जाए।

श्रीमान सरपंच महोदय ने प्रस्ताव रखा कि ग्राम पंचायत की खातेदारी भूमि खसरा संख्या 1474 से 1480 तक खाली पड़ी है एवं इसमें अस्थाई तौर पर गौशाला का संचालन किया जा रहा है। अतः उक्त भूमि कामधेनु गौशाला समिति को आवंटन करने हेतु श्रीमान जिला कलेक्टर महोदय को प्रस्ताव भेजा जाए। उस प्रस्ताव का उपस्थित सदन ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया, एवं श्रीमान जिला कलेक्टर महोदय को भूमि आवंटन के लिए प्रस्ताव भेजा गया।

श्रीमान कलेक्टर महोदय ने इस प्रार्थना पत्र पर कार्रवाई करते हुए श्रीमान तहसीलदार बिलाड़ा को आदेशित किया एवं भूमि आवंटन की करने हेतु आदेश जारी किया गया उक्त प्रक्रिया पूर्ण होते होते ग्राम पंचायत का कार्यकाल पूरा हो गया एवं आचार संहिता लग गई। ग्राम पंचायत में सरपंच का चुनाव हुआ जिसमें श्रीमान गोवर्धन राम जी ग्राम पंचायत रिया के सरपंच बने। गौशाला समिति द्वारा श्रीमान जिला कलेक्टर महोदय को पुणे प्रार्थना पत्र दिया गया कि भूमि आवंटन का जो कार्य अधूरा रह गया है उनको पूर्ण कर गौशाला समिति को भूमि आवंटन कराने की कृपा करें।

इस पर श्रीमान जिला कलेक्टर महोदय ने दिनांक 8-4-2015 को श्रीमान तहसीलदार महोदय को आदेशित किया एवं उक्त कार्रवाई को पूर्ण करने हेतु आदेश दिया। उक्त आदेश की पालना करते हुए ग्राम पंचायत रिया ने 20-6-2015 को पंचायत बैठक में प्रस्ताव पारित किया एवं गौशाला को भूमि आवंटन के लिए अंतिम प्रक्रिया पूर्ण की। ग्राम पंचायत रिया द्वारा कामधेनु गौशाला समिति काे अंतिम अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया गया।

 

यह सब प्रक्रिया होने के उपरांत तत्कालीन सरपंच, ग्राम सेवक, पटवारी, पंचायत समिति विकास अधिकारी एवं तहसीलदार की मिलीभगत से उक्त खसराे में से 10 बीघा जमीन पंचायत समिति को समर्पण कर दी। आनन-फानन में पंचायत समिति द्वारा टेंडर निकालकर पंचायत समिति का निर्माण शुरू कर दिया। वहां पर चल रही गौशाला को खुर्द खुर्द करके वहां से गौशाला का सामान हटाकर बिना गौशाला समिति को सूचित किए वहां से गेट एवं पीलर ले गए, जिसका आज तक कोई अता पता नहीं है। पंचायत समिति के निर्माण का कार्य चल रहा था तब कुछ समाज सेवकों ने इस प्रोजेक्ट के विरद्ध न्यायालय द्वारा आदेश जारी करवा दिया गया।

        

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