लखनऊ, 4 अगस्त 2019: उत्तर प्रदेश सरकार ने निराश्रित गोवंश के पालन को बढ़ावा देने के लिए एक नई योजना तैयार की है, जिसके तहत किसानों को प्रति माह 900 रुपये मिलेंगे। इस योजना के अंतर्गत, जो किसान गोशाला या गो-आश्रय स्थलों से निराश्रित गोवंश पालना चाहते हैं, उन्हें मासिक 900 रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री की कड़ी कार्रवाई: पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस समस्या के समाधान के लिए कड़ी कार्रवाई की थी और उन्होंने सीधे किसानों को शामिल करते हुए योजना तैयार करने का निर्देश दिया था।
योजना के लाभ: इस योजना के माध्यम से सरकार को उम्मीद है कि निराश्रित गोवंश का पालन करने वाले किसान गाय के गोबर से वर्मी कंपोस्ट बनाकर और गो उत्पादों का अन्य प्रकार से उपयोग कर अतिरिक्त आय कर सकेंगे।
गोशाला और गो-आश्रय स्थल की आवश्यकता: योजना के अनुसार, गोशाला और गो-आश्रय स्थलों की स्थापना के लिए सरकार ने कड़ी कदमबद्धता दिखाई है। इसके बावजूद गोवंश की सही देखभाल की वजह से समय-समय पर गोवंशों की मृत्यु की खबरें आ रही हैं।
आवश्यक दिशा-निर्देश: योजना के लाभार्थियों को जागरूक करने के लिए सरकार ने आवश्यक दिशा-निर्देश तैयार करने का निर्देश दिया है, जिसमें योजना के लाभार्थियों को गोवंश से आय प्राप्त करने के लिए उन्हें कौशलिक प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा।
बजट की व्यवस्था: योजना के लिए बजट की व्यवस्था के बाद विस्तृत दिशा-निर्देश जारी होने की संभावना है, और केंद्र सरकार से भी मदद प्राप्त करने पर विचार हो रहा है।
किसानों की राय: हालांकि योजना एक पहल है, कुछ किसान यह कह रहे हैं कि प्रति गोवंश 30 रुपये प्रतिदिन की व्यवस्था कम है और उन्हें आकर्षक नहीं लग रही है। उनका कहना है कि प्रति स्वस्थ गोवंश पर दिन के हिसाब से कम से कम 1800-2000 रुपये महीने का खर्च आता है।
संबंधित योजनाएं: कुछ किसान योजना को बढ़ावा देने के लिए ‘गोवर्धन योजना’ और मनरेगा से जोड़ने का सुझाव दे रहे हैं, ताकि इससे स्थायी स्वरोजगार और अतिरिक्त आय की संभावना हो सके।
समाप्ति सुझाव: योजना को और आकर्षक बनाने के लिए किसानों की राय लेने, और ‘गोवर्धन योजना’ और मनरेगा से जोड़ने के लिए और अधिक प्राधिकृत सुझाव लेने के लिए नए लेख तैयार करें।