नई दिल्ली, 1 जनवरी 2024: नए साल के साथ ही देशवासियों को राशन की कमी का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि देशभर के राशन डीलर ने 1 जनवरी से हड़ताल का एलान किया है। इस आंदोलन का मुख्य कारण है केंद्र सरकार के नए नीतियों का विरोध, जिसमें ₹200 प्रति क्विंटल का लाभांश बढ़ाने की मांग की जा रही है।
हड़ताल का आंदोलन:
पीडीएस दिलरूर की शुरुआत: झारखंड के पीडीएस दिलरूर ने इस नए साल की शुरुआत में ही राशन डीलरों के हड़ताल की शुरुआत की। उन्होंने नीतियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने का एलान किया और बढ़ाई गई मांगों की पूर्ति के लिए हड़ताल का समर्थन किया।
राष्ट्रव्यापी हड़ताल: पीडीएस दिलरूर की शुरुआत के बाद, देशभर के राशन डीलर भी इस हड़ताल में शामिल हो गए हैं। राज्यों के अलग-अलग हिस्सों से जुड़े राशन डीलरों ने यह आंदोलन अपनाया है जिसमें वे केंद्र सरकार से मांगें लेकर हड़ताल कर रहे हैं।
मुख्य बातें:
लाभांश में वृद्धि की मांग: राशन डीलरों की मुख्य मांग है ₹200 प्रति क्विंटल लाभांश को बढ़ाने की। उनका कहना है कि यह लाभांश कमी के कारण उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं है और इसके बढ़ाने से उन्हें उचित मुनाफा होगा।
डीलरों की चेतावनी: राशन डीलरों ने कहा है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुई, तो वे 1 जनवरी 2024 से राशन वितरण में हड़ताल का समर्थन करेंगे और देशवासियों को राशन की कमी का सामना करना पड़ेगा।
केंद्र सरकार का दृष्टिकोण: केंद्र सरकार ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई आपत्ति नहीं जताई है और आंदोलन के मुद्दे पर चर्चा का दृष्टिकोण अभी तक स्पष्ट नहीं है।
इस तरह के आंदोलन के बारे में स्थानीय समाचार स्रोतों से अधिक जानकारी प्राप्त करना और सरकारी अपडेट्स का सत्यापन करना महत्वपूर्ण है।