नई दिल्ली, 1 जनवरी 2024: आने वाले साल 2024 में भारत में टोल टैक्स की वसूली में एक बड़ा बदलाव हो सकता है, क्योंकि जीपीएस (Global Positioning System) के जरिए होने वाले टोल कलेक्शन को लेकर एक नया नियम लागू किया जा सकता है। इस नए सिस्टम के तहत, जीपीएस से लिए गए डेटा के आधार पर गाड़ी की हर किलोमीटर के लिए टोल टैक्स की गणना की जाएगी।
मुख्य बातें:
जीपीएस सिस्टम का उपयोग: नए नियम के मुताबिक, गाड़ी के जीपीएस सिस्टम से लाए गए डेटा के आधार पर हर किलोमीटर के लिए टोल टैक्स लिया जाएगा। यह सिस्टम टोल प्लाजा पर पहुंचने की जरूरत नहीं पड़ने देगा और गाड़ी को अपने स्थान के आधार पर टोल टैक्स देना होगा।
व्यापक सुधार: यह नया सिस्टम टोल कलेक्शन को व्यापक रूप से सुधारेगा और गाड़ी चालकों को अधिक सुविधा प्रदान करेगा। इससे ट्रैफिक कम होगा और यात्री बिना किसी विघ्न के स्वतंत्रता से चल सकेंगे।
डेटा की सुरक्षा: जीपीएस से लिए गए डेटा की सुरक्षा भी महत्वपूर्ण होगी, और इसमें सुरक्षितीकरण के लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल्स को पूरा किया जाएगा।
अपेक्षित लाभ:
आसानी से टोल भुगतान: जीपीएस के उपयोग से गाड़ी चालकों को टोल टैक्स भुगतान को आसानी से कर सकेंगे, जिससे उन्हें समय और उपयोगकर्ता अनुकूलता मिलेगी।
ट्रैफिक नियंत्रण: इस सिस्टम से यातायात की निगरानी में सुधार होगा और शहरों में ट्रैफिक नियंत्रण करना आसान होगा।
सुरक्षित और प्रभावी: जीपीएस सिस्टम के उपयोग से टोल टैक्स को सुरक्षित और प्रभावी बनाया जा सकता है, जिससे कानूनी अपराधों को रोका जा सकेगा।
नए नियम की विवादें:
दरें और आंकड़े: नए नियम के अनुसार टोल दरें और आंकड़े कैसे निर्धारित किए जाएंगे, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है, और सरकार से आगामी विस्तृत जानकारी की आशा है।
यात्री और व्यापारी समृद्धि: कुछ यात्री और व्यापारी इस नए नियम के खिलाफ हो सकते हैं, क्योंकि इससे उन्हें अतिरिक्त लागत उठानी पड़ सकती है।
नए नियम के लागू होने के बाद से ही स्थानीय और राष्ट्रीय सड़क यातायात में सुधार की उम्मीद है, जो आने वाले समय में सामाजिक और आर्थिक स्तरों पर असर कर सकता है।