विज्ञानिक अनुसंधान मे खुलासा, 1 लीटर बोतलबंद पानी में 240,000 प्लास्टिक के टुकड़े

बोतलबंद पानी में मौजूद नैनोप्लास्टिक्स: खतरनाक हो सकता है प्लास्टिक प्रदूषण

विज्ञानिकों का अनुसंधान खुलासा करता है कि 1 लीटर पानी की बोतल में 240,000 प्लास्टिक के टुकड़े हो सकते हैं

न्यूयॉर्क: नवीन अध्ययन के अनुसार, बोतलबंद पानी का सेवन करना सीधे आपकी सेहत को खतरे में डाल सकता है, क्योंकि इसमें मौजूद नैनोप्लास्टिक्स एक गंभीर स्वास्थ्य खतरा पैदा कर सकते हैं। कोलंबिया विश्वविद्यालय और रटगर्स विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के अनुसार, एक लीटर पानी की बोतल में लगभग 240,000 प्लास्टिक के टुकड़े हो सकते हैं, जो इससे पहले के अनुमानों से 10 से 100 गुना अधिक हैं।

इस अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने बताया कि ये नैनोप्लास्टिक्स मुख्य रूप से ब्रांडेड बोतलबंद पानी में पाए जा सकते हैं, जो आमतौर पर लोगों द्वारा सुधारित हेल्थ को बढ़ावा देने के लिए चयन किया जाता हैं। इसमें प्लास्टिक के छोटे कण होने के कारण, ये आसानी से ब्रेन, किडनी, और अन्य अंगों तक पहुँच सकते हैं, जिससे सेहत को खतरा हो सकता है।

नैनोप्लास्टिक्स: छोटे कण, बड़ी चुनौती

इस अध्ययन में उच्च सकारात्मक निष्कर्षों के साथ, विज्ञानिकों ने बताया है कि इन नैनोप्लास्टिक्स के कणों में 90% से अधिक अदृश्य प्लास्टिक होता है, जिससे स्वास्थ्य से जुड़ी अनेक समस्याएं पैदा हो सकती हैं। यह छोटे कण आंतरिक रूप से शरीर में प्रवेश कर सकते हैं और विभिन्न तंतु, ऊतक, और अंगों में जमा हो सकते हैं, जिससे संबंधित तंतुओं की तथा ऊतकों की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

रमन प्रकीर्णन माइक्रोस्कोपी: नैनोप्लास्टिक्स की खोज में उपयोगी

इस अनुसंधान के लिए शोधकर्ताओं ने रमन प्रकीर्णन माइक्रोस्कोपी का उपयोग किया है, जिससे वे ब्रांडेड बोतलबंद पानी के तीन लोकप्रिय ब्रांड्स में पाए जाने वाले नैनोप्लास्टिक्स का विश्लेषण कर सकते हैं। इस तकनीक के माध्यम से, उन्होंने केवल 100 नैनोमीटर आकार तक के कणों की जांच की है, जो इस प्रकार के अनुभव के लिए उपयुक्त हैं।

जनसामान्य के लिए चुनौती: प्लास्टिक प्रदूषण कम करने की आवश्यकता

इस नए अध्ययन से हमें एक नए दृष्टिकोण से प्लास्टिक प्रदूषण की चुनौती को समझने का मौका मिलता है और समझाता है कि हमारी स्वास्थ्य को इससे कैसे बचाया जा सकता है। नैनोप्लास्टिक्स के आधार पर आगामी समय में और भी अधिक अनुसंधान की आवश्यकता है, ताकि हम सुरक्षित और स्वस्थ जीवन जी सकें।

इसके साथ ही, जनसामान्य को भी इस बारे में जागरूक करना आवश्यक है कि वे एकल उपयोग बोतलों की बजाय पुनः पुनः उपयोग और पुनः चक्रित किए जा सकने वाली बोतलों का चयन करें और इस प्रदूषण को कम करने में अपना योगदान दें।

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